उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास | History Of Journalism In Uttarakhand – उत्तराखंड का प्रथम समाचार पत्र

History Of Journalism In Uttarakhand – पत्रकारिता किसी देश अथवा राज्य का अभिन्न अंग हैं भारत में सदियों पूर्व से ही पत्रकारिता का बोलबाला है यद्यपि इसका स्वरुप अलग था पहले सूचनाओं का आदान प्रदान कबूतर के माध्यम से या किसी व्यक्ति को चौराहे में खड़ा करके उसके द्वारा डुगडुगी बजाकर किया जाता है।

भारत में सर्वप्रथम प्रिंटिंग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तगालियों को जाता है।  मुग़ल बादशाह अकबर  शासन काल में पुर्तगालियों ने 1557 में पहला प्रिंटिंग प्रेस गोवा में स्थापित किया जिसका मुख्य उदेश्य ईसाई धर्म का प्रचार – प्रसार करना था।  इस पोस्ट में आपको उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी

उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास, History Of Journalism In Uttarakhand, उत्तराखंड का प्रथम समाचार पत्र, समय विनोद समाचार पत्र, उत्तराखंड के प्रमुख समाचार पत्र, गढ़वाली समाचार पत्र, देवभूमि समाचार पत्र किसने निकाला था, उत्तराखंड की पत्रिकाएं
उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास
यदि हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी से आपको कुछ सीखने को मिलता है तो आप इस
पोस्ट को अपने दोस्तों तक watsapp, Facebook जैसे सोशल मीडिया के माध्यम
शेयर कर सकते हैं।

उत्तराखंड राज्य में पत्रकारिता का इतिहास – History Of Journalism In Uttarakhand

उत्तराखंड में पत्रकारिता के इतिहास का अध्ययन तीन भागों में किया गया है

1.प्रथम चरण(1842-1870 ई०)
2.दूसरा चरण(1900-1939 ई०)
3.तीसरा चरण(1940-47 ई०)
उत्तराखंड में पत्रकारिता का प्रथम चरण-

यह समाचार पत्र उत्तराखंड की पत्रकारिता का प्रारम्भिक दौर था इस कालखण्ड के सभी समाचार पत्रों ने अधिकांश अंग्रेजी सरकार की नीतियों को प्रमुखता दी अर्थात कहा जा सकता है कि प्रारम्भ में उत्तराखंड की पत्रकारिता अंग्रेज सरकार परस्त थी। इस कालखंड के सभी समाचार पत्रों का संचालन व संपादन अंग्रेजो ने ही किया।
इस चरण में निम्न समाचार पत्र प्रकशित हुए-

1.हिल्स(1842 ई०)-
  • हिल्स समाचार पत्र का प्रकाशन जॉन मैकिनन ने 1842 में किया।
  • यह समाचार पत्र उत्तराखंड व उतरी भारत का प्रथम समाचार पत्र था।
  • इसका प्रकाशन आंग्ल-भाषा(अंग्रेजी) भाषा मे किया गया।
  • शुरुआती दिनों में यह समाचार पत्र गाजियाबाद से छपता था लेकिन बाद में मेकिनन ने मसूरी सेमिनरी स्कूल परिसर में प्रिटिंग प्रेस खोली जो कि उत्तराखंड की पहली प्रिटिंग प्रेस थी अब इसी प्रिटिंग प्रेस से हिल्स का प्रकाशन होने लगा।
  • जॉन मेनिकन ने ‘द हिल्स’ के संपादकीय के माध्यम से आयरलैंड-इंग्लैंड की आपसी संघर्षो को लेकर खूब चर्चाएं की।
  • सन 1849-50 में जॉन मेकिनन द्वारा इस समाचार पत्र का प्रकाशन बंद कर दिया गया।
  • 1860 में डॉ स्मिथ द्वारा’द हिल्स’ का प्रकाशन पुनः आरम्भ किया गया।
  • 1865 में इस पत्र का प्रकाशन बंद हो गया।
2.मेफिसलाइट(1845)-
  • मेफिसलाइट समाचार पत्र का प्रकाशन 1845 में हुआ।
  • इसके संपादक मि० जोन लेग थे जो कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के वकील रह चुके थे।
  • इस समाचार पत्र का प्रकाशन मसूरी से किया गया।
  • यह समाचार पत्र आंग्ल भाषी(अंग्रेजी) था लेकिन अंग्रेजी अखबार होते हुए भी इसने अंग्रेज सरकार की नीतियों का विरोध किया।
  • 1857ई० में हुए ‘इंग्लिश मैन क्लब मसूरी ‘ की बैठक में लार्ड डलहौजी ने इसे साम्राज्य विरोधी अखबार करार दिया।

3.समय विनोद समाचार पत्र (1868-78ई०)-

  • समय विनोद का प्रकाशन 1868 में किया गया।
  • समय विनोद समाचार पत्र उत्तराखंड से प्रकाशित होने वाला हिंदी का पहला समाचार पत्र था।
  • इस समाचार पत्र के संस्थापक व सम्पादक जयदत्त जोशी थे।
  • यह एक पाक्षिक समाचार पत्र था जो नैनीताल से छपता था।
  • प्रारम्भ में इस पत्र के 32 ग्राहक थे जिनमें 17 भारतीय व 15 यूरोपीय थे।
  • यह समाचार पत्र हिंदी व उर्दू दोनों भाषाओं में छपता था।
  • 1878 में इसका प्रकाशन बंद हो गया।

4.मसूरी एक्सचेंज(1870ई०)-

  • मसूरी एक्सचेंज का प्रकाशन 1870 में हुआ लेकिन यह अधिक प्रसिद्ध न हुआ व कुछ समय बाद बंद हो गया।
5 अल्मोड़ा अखबार (1870)
  • 1870 ई० में अल्मोड़ा में डिबेटिंग क्लब की गयी।
  • 1871 ई० में अल्मोड़ा अखबार का प्रकाशन किया गया।
  • डिबेटिंग क्लब व अल्मोड़ा अखबार की स्थापना बुद्धि वल्लभ पंत ने की।
  • अल्मोड़ा अखबार के पहले संपादक बुद्धि वल्लभ पंत थे।
  • बुद्धि वल्लभ पंत के बाद सदानन्द सनवाल , मंशी इम्तियाज अली , जीवानन्द
    जोशी , विष्णु दत्त जोशी सम्पादक रहे लेकिन यह अखबार सरकार समर्थक ही रहा।
  • 1913 ई० में बद्रीदत्त पांडे ने अल्मोड़ा अखबार के संपादक बने।
  • बद्रीदत्त पांडे ने अल्मोड़ा अखबार को साप्ताहिक किया व स्वंतत्रता आंदोलन से इसे जोड़ा।
  • 14 जुलाई 1913 ई० को अल्मोड़ा अखबार ने कुली बेगार प्रथा व जंगलात नीति के विरोध में लेख छाप दिया।
  • बद्रीदत्त पाण्डे के जंगलात विरोधी लेखों से तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर
    लोमश ने बद्रीदत्त पांडे को धमकी दी कि वह अल्मोड़ा अखबार के प्रकाशन को बंद
    कर देगा।
  • 1918 ई० में बद्रीदत्त पांडे ने “भालुसाही”शीर्षक प्रकाशित किया।
  • अप्रैल 1918 ई० में एक घटना घटी जिसके बाद अल्मोड़ा अखबार पर प्रतिबंध लग गया।
  • अल्मोड़ा अखबार के प्रतिबंध लगने पर गढ़वाल समाचार पत्र ने छापा”एक गोली के तीन शिकार- मुर्गी कुली व अल्मोड़ा अखबार।
6.मसूरी सीजन(1872)-
  • इस पत्र का प्रकाशन 1872 ई० में कॉलमैन व नॉर्थम ने किया।
  • यह पत्र मसूरी से प्रकाशित हुआ।
  • यह अखबार 2 वर्ष तक रहा लेकिन कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सका।
  • 1874 ई० में मसूरी सीजन बंद हो गया।

7.हिमालय क्रान्तिकाल(1875 ई०)-

  • प्रकाशन- 1875
  • सम्पादक- जॉन नार्थम
  • बंद हुआ-1876

8.द ईगल(1878-85 ई०)-

  • प्रकाशन- 1878
  • संपादन- मॉर्टन
  • बंद हुआ- 1885

उत्तराखंड में पत्रकारिता का द्वितीय चरण (1900-1939)

यह कालखण्ड उत्तराखंड में पत्रकारिता का सबसे महत्वपूर्ण समय था जिसने उत्तराखंड की पत्रकारिता को एक नये आयाम पर पहुंचाया इस चरण की पत्रकारिता ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये किये जाने वाले संघर्षो का बखूबी से प्रचार-प्रसार किया व स्वन्त्रता आन्दोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

इस कालखण्ड में कई साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन हुआ जो कि निम्न है-

1.रियासत टिहरी गढ़वाल-

  • इस समाचार पत्र का प्रकाशन टिहरी रियासत के तात्कालिक राजा कीर्तिशाह पंवार ने सन 1901 में टिहरी रियासत नामक प्रिटिंग प्रेस से किया।
  • यह एक पाक्षिक समाचार पत्र था।
  • यह पत्र टिहरी रियासत के नियम कानूनों की सूचना प्रकाशित करता था लेकिन जन समस्यओं से कोशों दूर था कुछ समय बाद यह बंद हो गया।
2.गढ़वाल समाचार (1902ई०)-
  • गढ़वाल समाचार पत्र का प्रकाशन गिरिजा दत्त नैथानी ने 1902 में लैंसडोन से किया।
  • यह एक मासिक समाचार पत्र था।
  • गढ़वाल समाचार पत्र गढ़वाल से निकलने वाला पहला हिंदी समाचार पत्र रहा।
  • गिरिजा दत्त को गढ़वाल में पत्रकारिता का जनक कहा जाता है।
  • यह दो वर्षों तक चला लेकिन आर्थिक अभाव के कारण यह पत्र दो वर्ष में बंद हो गया।
  • 1912ई० में गिरिजा दत्त नैथानी ने दुग्गड्डा में एक प्रेस की स्थापना की व फरवरी 1913ई० में इसी प्रेस से गढ़वाल समाचार का पुनः प्रकाशन प्रारम्भ किया।
  • गढ़वाल समाचार पत्र ने अंग्रेज सरकार के अत्याचारों के विरोध में कई लेख लिखे व सामाजिक समस्याओं पर भी प्रकाश डाला।
3.गढ़वाली समाचार पत्र (1905ई०)- 
  • गढ़वाली समाचार पत्र गढ़वाल के शिक्षित वर्ग के सामुहिक प्रयासों से प्रकाशित किया गया।
  • गढ़वाल में राजनीतिक व सामाजिक चेतना के लिए 1901 में गढ़वाल यूनियन की स्थापना की गई और गढ़वाल यूनियन ने ही 1905 में गढ़वाली समाचार पत्र का प्रकाशन।
  • गढ़वाली समाचार पत्र के प्रकाशन में पंडित विश्वभर दत्त चंदोला की विशेष भूमिका रही।
  • गढ़वाली समाचार पत्र का पहला अंक मई 1905ई० में प्रकाशित हुआ।
  • गढ़वाली समाचार पत्र प्रारंभ में पाक्षिक था लेकिन 1913 से इसे साप्ताहिक बनाया गया।
  • 1916 में इसे फिर से इसे पाक्षिक किया गया क्योंकि साप्ताहिक होने पर इसे कई हानियां हुईं।
  • गढ़वाली समाचार पत्र ने अपने लेखों में क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को शुरू से ही उजागर करना शुरू। किया वह कुली बेगार वन आंदोलन सड़क आंदोलन महिला जागृति सभी को प्रथम व समस्याओं पर अपने लेखों से जनता को जागृत किया।
4.कास्मोपेलेटिन (1910ई०)

  • यह एक अंग्रेजी साप्ताहिक समाचार पत्र था।
  • बैरिस्टर बुलाकी राम ने 1910ई० में देहरादून में कचहरी रोड पर भास्कर नामक प्रेस खोली और यहीं से इस समाचार पत्र का प्रकाशन किया।
  • यह समाचार पत्र देहरादून से प्रकाशित होने वाला पहला आंग्ला भाषी साप्ताहिक समाचार पत्र था।
  • 1910 में बद्रीदत्त पांडे जी ने इस समाचार पत्र में काम किया।

5. निर्बल सेवक(1913ई०)-

  • यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र था जो 1913 ई० में प्रकाशित किया गया।
  • वृन्दावन रियासत के तात्कालिक राजा महेंद्र प्रताप ने देहरादून से निर्बल सेवक नाम के साप्ताहिक समाचार पत्र का संपादन किया।

6. विशाल कीर्ति-

प्रकाशित- 1913ई०
संपादन- सदानन्द कुकरेती

  • पौड़ी में ब्रह्मानंद थपलियाल की बद्री केदार प्रेस से फरवरी 1913ई० में विशाल कीर्ति का प्रकाशन हुआ।
  • यह एक मासिक समाचार पत्र रहा।
  • 195ई० में यह बंद हो गया।

7. पुरुषार्थ-

प्रकाशन-1917
संपादन- गिरिजादत्त नैथानी

  • गढ़वाल समाचार पत्र बंद होने के बाद गिरिजादत्त नैथानी ने अक्टूबर 1917 में पुरुषार्थ नामक मासिक पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया।
  • पुरुषार्थ बिजनोर में छपता था।लेकिन प्रकाशन दुग्गड्डा से या गिरिजादत्त नैथाणी के पैतृक गांव नैथाणा से होता था ।
  • 1927 को गढ़वाल पत्रकारिता के जनक गिरिजादत्त नैथानी जी के निधन के साथ ही पुरुषार्थ समाचार पत्र बंद हो गया ।

8. शक्ति

प्रकाशन -18 Oct 1918 विजयदशमी के अवसर पर
सम्पादक – बद्रीदत्त पांडे

  • 1918 में अल्मोड़ा अखबार पे प्रतिबंध लगने के बाद बद्रीदत्त पांडे ने यह समाचार पत्र प्रकाशित किया।
  • 1918 में देधभक्त प्रेस की स्थापना हुई तथा 18 Oct 1918 को विजयदशमी के अवसर पर बद्रीदत्त पांडे के सम्पादन में शक्ति का पहला अंक प्रकाशित हुआ।
  • सन 1942-45 तक शक्ति का प्रकाशन बंद रहा।
  • 1946 में इसका प्रकाशन पुनः प्रारंभ हुआ।
  • शक्ति समाचार पत्र ने राष्ट्रीय स्तर के बड़े संघर्षों के साथ-साथ छोटे-छोटे सामाजिक मुदों को भी उजागर किया।

9. क्षत्रिय वीर

प्रकाशन -1922
संपादक -प्रताप सिंह नेगी

  • विशाल कीर्ति के पश्चात पौड़ी से निकलने वाला यह दूसरा समाचार पत्र था ।
  • 15 जनवरी 1922 को इस पत्र का प्रकाशन प्रारंभ हुआ।
  • यह एक जातिवादी समाचार पत्र था जिसका मूल उद्देश्य क्षत्रिय जाति का सामाजिक व शैक्षणिक विवरण प्रस्तुत करना था।



10. कुमाँऊ कुमुद

प्रकाशन -1922
सम्पादन-बसन्त कुमार जोशी

  • 1922 में बसन्त कुमार जोशी ने अल्मोड़ा से इस पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया।
  • इसे ‘बाजार समाचार ‘भी कहा जाता था।
  • यह समाचार पत्र राष्ट्रीय विचारधारा का समर्थक था।

11. तरुण कुमाँऊ

प्रकाशन-1922
सम्पादन-बैरिस्टर मुकंदी लाल

  • बैरिस्टर मुकंदी लाल ने 1922 को लैंसडोन से ‘तरूण कुमाँऊ’ नामक हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया।
  • 1923 में यह समाचार पत्र बंद हो गया।

12. अभय

प्रकाशन-1928
सम्पादन-स्वामी विचारानन्द सरस्वती

  • स्वामी विचारानन्द सरस्वती देहरादून में अभय नामक प्रिंटिंग प्रेस चलाते थे व अपने राष्ट्रवादी विचारों से लोगों को स्वधीनता के प्रति प्रेरित करने के लिए इसी प्रिटिंग प्रेस से 1928ईo में साप्ताहिक हिंदी समाचार पत्र अभय का प्रकाशन प्रारम्भ किया।

13. स्वाधीन प्रज्ञा

प्रकाशन-1930
सम्पादन-मोहन जोशी

  • जनवरी 1930 को ‘स्वाधीन प्रज्ञा’  का प्रथम अंक प्रकाशित हुआ।
  • 10 मई 1930 को इस पत्र से छः हजार रुपये की जमानत मांगी गई जो कि किसी भी समाचार पत्र में मांगी गई अब तक की सर्वाधिक जमानत थी।
  • 1932 में यह अखबार बंद हो गया।

14. गढ़ देश-

प्रकाशन-1929ई०
सम्पादन- कृपाराम मिश्र मनहर

  • गढ़देश का पहला अंक अप्रैल 1929 को प्रकाशित हुआ।
  • इस पत्र का प्रकाशन कोटद्वार से होता था।
  • 13 जून 1930ई० के अंक के साथ गढ़ देश का प्रकाशन बंद हो गया।
  • 1934ई० में मनहर जी ने इसे पुनः प्रकाशित किया व अब इसका मुद्रण देहरादून से होने लगा।
  • एक बार फिर सरकार विरुद्ध लेखों के कारण गढ़देश के संपादक व मुद्रक दोनो से 2-2 हजार रुपये की जमानत मांगी गयी।
  • जमानत की ब्यवस्था न होने पर इसका प्रकाशन बंद हो गया।

15. स्वर्गभूमि-

प्रकाशन-1934
संपादन- देवकीनंदन ध्यानी

  • स्वर्गभूमि एक पाक्षिक समाचार पत्र था जिसका प्रकाशन 15 jan 1934 को देवकीनंदन ध्यानी ने हल्द्वानी से किया।
  • स्वर्ग भूमि के 3-4 अंक निकलने के पश्चात यह बंद हो गया।

16. समता-

प्रकाशन-1934ई०
सम्पादन-मुंशी हरिप्रसाद टम्टा

  • समता एक साप्ताहिक समाचार पत्र था जिसका प्रकाशन मुंशी हरिप्रसाद टम्टा ने 1934ई० में किया
  • यह एक हिंदी अखबार था।
  • इस अखबार का मूल उद्देश्य दबे-कुचले पिछड़े समाज को उचित अधिकार दिलाना था।
  • सन 1935ई० में श्रीमती लक्ष्मी देवी टम्टा ने इस अखबार का संपादन किया।
  • श्रीमती लक्ष्मी देवी उत्तराखंड की पहली दलित महिला पत्रकार थी।

17. हादी ए-आजम-

प्रकाशन-1936ई०
सम्पादन- मोहमद इकबाल सिद्दकी

  • हादी-ए-आजम उत्तराखंड की पहली उर्दू-धार्मिक पत्रिका थी।
  • यह एक मासिक पत्रिका थी।
  • 2-3 अंको के प्रकाशन के बाद यह पत्रिका 1936ई० में ही बंद हो गयी।

18. हितैशी-

प्रकाशन-1936ई०
सम्पादन-पीताम्बर दत्त पारबोल

  • पीताम्बर पारबोल ने सन 1936ई० में लैंसडोन से हितैषी नामक पाक्षिक समाचार पत्र का संपादन व प्रकाशन किया।
  • यह समाचार पत्र सता समर्थक था।
  • अंग्रेज समर्थक होने के कारण पीताम्बर दत्त पारबोल को “रायबहादुर”की उपाधि दी गयी।

19. उत्तर भारत-

 प्रकाशन 1936
संपादन – महेशानंद थपलियाल

  • महेशानंद थपलियाल जी ने पौड़ी गढ़वाल में स्वर्ग भूमि प्रेस से इस समाचार पत्र का प्रकाशन किया कुछ समय तक नियमित चलने के पश्चात यह अखबार 1937 में बंद हो गया।

20. उत्थान-

 प्रकाशन 1937
संपादन –  ज्योति प्रसाद माहेश्वरी

  • यह एक सप्ताहिक समाचार पत्र था तथा क्षेत्रीय आंदोलनों व सामाजिक मुद्दों की बेबाक पत्रकारिता के लिए प्रसिद्ध हुआ।

21. जागृत जनता

प्रकाशित -1938
संपादन – पीतांबर पांडे

  • यह एक सप्ताहिक पत्र था।

उत्तराखंड में पत्रकारिता का तीसरा चरण 1940-47

उत्तराखंड में तीसरे चरण की पत्रकारिता का चरण महज 7 साल तक रहा लेकिन इस समय स्वतंत्रता आंदोलन अपने चरम पर था इस चरण में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन व अन्य छोटे-छोटे स्थानीय आंदोलन हो रहे थे इसलिए इस चरण में पत्रकारिता ने भी स्वतंत्रता आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1. संदेश –

 प्रकाशन – 1940
संपादन – कृपाराम मिश्रा मनहर

  • कृपाराम मिश्र जी ने अपने छोटे भाई हरीराम मिश्र चंचल के सहयोग से सन 1940 में कोटद्वार से संदेश नामक समाचार पत्र का प्रकाशन किया।
  • 1939 में मनहर जी के जेल जाने के बाद यह समाचार पत्र बंद हो गया ।

2. समाज –

 प्रकाशित – 1942
संपादन  – राम प्रसाद बहुगुणा

  • यह एक हस्तलिखित समाचार पत्र था।
  • 2 वर्ष तक यहां पत्र नियमित रूप से चलता रहा ।
  • भारत छोड़ो आंदोलन में रामप्रसाद बहुगुणा जी के जेल जाने पर यह पत्र बंद हो गया ।

3. मसूरी एडवरटाइजर –

प्रकाशित  – 1942
संपादन  – के एफ मेकागोंन

  • यह समाचार पत्र मसूरी के कुलड़ी स्थित प्रिंटिंग प्रेस से छापा गया था।
  •  1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात यह समाचार पत्र बंद हो गया था।



4. स्वराज संदेश (1942 )-

प्रकाशन – 1942 ई०
सम्पादन-  हुलास वर्मा

  • यह एक हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र था अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध समाचार छापने तथा आक्रामक व भड़काऊ लेख लिखने पर हुलास वर्मा से दो बार जमानत मांगी गई।

5. युगवाणी 1947

प्रकाशन -1947
संपादन – भगवती पांथरी

  • इस समाचार पत्र का पहला अंक 15 अगस्त 1947 को देहरादून से भगवती प्रसाद मंत्री के संपादन में हुआ।
  • टिहरी जनक्रांति में रियासत के विरुद्ध इस पत्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
  • क्या समाचार पत्र पहले पाक्षिक रूप में व फिर साप्ताहिक रूप में प्रकाशित हुआ।
  • टिहरी रियासत जनक्रांति में युगवाणी की भूमिका देखकर इतिहासकारों ने इसकी तुलना रूस की क्रांति में लेनिन द्वारा संपादित पत्र इस्रा से की।
  • सन 2001 से युगवाणी मासिक पत्रिका के रूप में नियमित प्रकाशित हो रहा है।

6.प्रजाबन्धु

प्रकाशन- 1947ई०
संपादन- जयदत्त वैला

यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र था जिसका प्रकाशन 1947ई० में जयदत्त वैला ने रानीखेत से प्रारम्भ किया

उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास MCQ

Q1- निम्न में से कौन सा समाचार पत्र विजयदशमी के दिन प्रकाशित हुआ-
A विशाल कीर्ति                B.शक्ति
C.निर्बल सेवक                 D क्षत्रिय वीर

Ans-B

Q2- स्वर्ग- भूमि प्रेस से किस समाचार पत्र का प्रकाशन हुआ-
A.उत्थान                        B.उत्तर-भारत
C.जागृत जनता                D संदेश

Ans-B

Q3-उत्तराखंड का प्रथम समाचार पत्र कौन सा था-
A.समय विनोद                    B.हिल्स
C.अल्मोड़ा अखबार             D.मेफिसलाइट

Ans- B

Q4- मेफ़िसलाइट नामक समाचार पत्र के संपादक कौन थे-
A.जॉन लेग                       B.जॉन मैकिनन
C.कॉलमैन                        D.नॉर्थम

Ans- A

Q5- द ईगल नामक समाचार पत्र कब प्रकाशित हुआ-
A.1876                   B.1877
C.1878                   D.1879

Ans- C

Q6- बद्रीदत्त पांडे अल्मोड़ा अखबार के संपादक कब बने-
A 1911                    B.1871
C.1913                    D.1918

Ans- C

Q7- हिल्स समाचार पत्र उत्तराखंड के किस स्थान से प्रकाशित होता था
A.देहरादून               B.मसूरी
C.नैनीताल               D.पौड़ी

Ans- B

Q8-रियासत टिहरी गढ़वाल समाचार पत्र किस प्रकार का पत्र था-
A.साप्ताहिक                  B.पाक्षिक
C.मासिक                      D.इनमें कोई नहीं

Ans- B

Q9-स्वराज संदेश था एक-
A.गढ़वाली समाचार पत्र              B.कुमाउनी समाचार पत्र
C हिंदी समाचार पत्र                    D.संस्कृति समाचार पत्र

Ans-C

Q10- निम्न में एक धार्मिक समाचार पत्र था-
A.समता                      B.क्षत्रिय
C जागृत जनता             D.हादी ए आजम

Ans-D

Q11-भारत मे प्रथम प्रिटिंग प्रेस की स्थापना कब हुई-
A.1550                B.1552
C.1556                D 1560

Ans-C

Q12-भारत मे पत्रकारिता की शुरुआत किसने की-
A.मुगलों ने               B.अंग्रेजों ने
C.डचों ने                 D.पुर्तगालियों ने

Ans-D

Q13- उत्थान समाचार पत्र के संपादक कौन थे-
A.पीताम्बर पांडे                      B.ज्योति प्रसाद माहेश्वरी
C.मुंशी हरिप्रसाद टम्टा            D.कृपाराम मिश्र

Ans- B

Q14- गढ़वाली समाचार पत्र को साप्ताहिक कब किया गया
A.1905                 B.1910
C.1913                 D.1912

Ans- C

Q15- कास्मोपोलिटन समाचार पत्र का प्रकाशन किसने किया-
A.बैरिस्टर बुलाकी लाल             B.कॉलमैन
C.नार्थम                                  D.प्रताप नेगी

Ans- A

Q16- निम्न में से एक जातीय समाचार पत्र था-
A.अभय                    B.क्षत्रिय वीर
C.स्वधीन प्रज्ञा             D.हितैषी

Ans- B

Q17- दूसरे चरण की पत्रकारिता में निम्न में से कौन सा समाचार पत्र था जो अंग्रेज सरकार समर्थक था-
A.समता                B.हादी ए आजम
C.हितैषी              D.तरुण कुमाँऊ

Ans- C

Q18- पौड़ी से निकलने वाला प्रथम समाचार पत्र था-
A.विशाल कीर्ति                     B.निर्बल सेवक
C.गढ़वाली समाचार पत्र           D.स्वर्गभूमि

Ans- A

Q19- निम्न में से कोटद्वार से प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र था-
A.स्वर्गभूमि              B.गढ़देश
C.हितैषी                   D.उत्तर भारत

Ans- B

Q20- “हादी ए आजम” समाचार पत्र का प्रकाशन किसने किया
A.मोहमद इकबाल सिद्दिकी                 B.मोहम्मद इकबाल अंसारी
C.पीताम्बर दत्त                                   D.सलीम खान

Ans- A

Q21- स्वधीन प्रज्ञा से कितने की राशि जमानत रूप में मांगी गयी थी-
A.2 हजार                       B.7 हजार
C.6 हजार                       D.1 हजार

Ans- C

Q22- निर्बल सेवक था-
A.पाक्षिक समाचार               B.साप्ताहिक
C.मासिक                            D.इनमें से कोई नहीं

Ans- B

Q23- गढ़वाल पत्रकारिता के जनक किसे कहा जाता है-
A.बद्रीदत्त पांडे                     B.विश्वभर दत्त चंदोला
C.गिरिजा दत्त नैथानी             D.मुकंदी लाल

Ans- C

Q24- स्वर्गभूमि समाचार पत्र का प्रकाशन कहाँ से हुआ-
A.नैनीताल                 B.हल्द्वानी
C.मसूरी                     D कोटद्वार

Ans-B

Q25- निम्न में से कौन सा जातीय समाचार पत्र कौन सा है-
A.कुमाँऊ कुमुद                B.समता
C.निर्बल सेवक                  D.जागृत जनता

Ans- B

Q26- तरुण कुमाँऊ का प्रकाशन कहां से हुआ-
A.कोटद्वार                   B.लैंसडोन
C.मसूरी                       D.नैनीताल

Ans-B

Q27- पौड़ी से निकलने वाला दूसरा समाचार पत्र था-
A.अभय                       B.क्षत्रिय वीर
C.विशाल कीर्ति             D.शक्ति

Ans- B

Q28- टिहरी नरेश कीर्तिशाह ने निम्न में से किस समाचार पत्र का प्रकाशन किया-
A रियासत टिहरी                 B.टिहरी तरुण
C.जागृत जनता                     D.विशाल कीर्ति

Ans-A

Q29- गढ़वाल से निकलने वाला पहला हिंदी समाचार पत्र कौन सा था-
A.गढ़वाली समाचार पत्र                      B.गढ़वाल समाचार पत्र
C.विशाल कीर्ति                                 D.पुरुषार्थ

Ans- B

Q30- देहरादून से प्रकाशित होने वाला पहला आंग्ल भाषी समाचार पत्र था-
A.कॉस्मोपेलिटन                     B.मेफ़िसलाइट
C.द ईगल                             D.हिल्स

Ans- A

Q31- ‘बाजार समाचार’ पत्र किसे कहते हैं
A.तरुण कुमाँऊ                    B.कुमाँऊ कुमुद
C.क्षत्रिय वीर                         D.स्वधीन प्रज्ञा

Ans- B

Q32- गढ़ देश समाचार पत्र का पुनः प्रकाशन कब किया गया-
A.1929                          B 1930
C.1933                          D 1934

Ans- D

Q33- किस समाचार पत्र का पहला अंक 15 August 1947 को प्रकाशित हुआ-
A.स्वराज संदेश                    B.युगवाणी
C.प्रजाबन्धु                           D.समाज

Ans-B

Q34- संदेश समाचार पत्र का प्रकाशन कहाँ से हुआ-
A.मसूरी                    B.कोटद्वार
C.देहरादून                 D.पौड़ी

Ans- B

Q35- विशाल कीर्ति का प्रकाशन किस प्रेस से हुआ-
A.स्वर्ग-भूमि प्रेस                  B.अभय प्रेस
C.बद्री-केदार प्रेस                 D.रियासत टिहरी प्रिटिंग प्रेस

Ans-C

Q36-मसूरी एडवरटाइजर  का प्रकाशन कब हुआ-
A.1940                          B.1947
C 1942                           D 1941

Ans- C

Q37- अल्मोड़ा अखबार पर प्रतिबंध कब लगा-
A.1915                          B.1918
C.1920                            D 1919

Ans- B

Q38- मसूरी सीजन के प्रकाशन किसने किया-
A.कॉलमैन                    B.नॉर्थम
C.जॉन लेग                   D.A&B

Ans-D

Q39- अल्मोड़ा अखबार पर प्रतिबंध लगने के बाद बद्री दत्त पांडे ने किस समाचार पत्र का प्रकाशन किया-
A कुमाँऊ कुमुद                    B.शक्ति
C.कुमाँऊ तरुण                    D निर्बल सेवक

Ans-B

Q40- निर्बल सेवक के प्रथम संपादक थे-
A नरेंद्र शाह                           B.सदानंद कुकरेती
C.महेंद्र प्रताप                          D.पुरुषार्थ

Ans-C

मुझे उम्मीद है कि उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास | History Of Journalism In Uttarakhand – उत्तराखंड का प्रथम समाचार पत्र के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। उत्तराखंड के बारे में ऐसे ही Uttarakhand Gk In Hindi की आपको बहुत सी पोस्ट JardhariClasses.Com में देखने को मिल जयेगी जिन्हें आप पढ़ सकते हैं।
दोस्तों यदि आपको हमारा कार्य पसंद आता है तो आप हमें Support कर सकते हैं। 

2 thoughts on “उत्तराखंड में पत्रकारिता का इतिहास | History Of Journalism In Uttarakhand – उत्तराखंड का प्रथम समाचार पत्र”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top